Real love story by amit or Aditi Ki love story अदिति और अमित कि लव स्टोरी True love story hindi me
अदिति और अमित एक ही स्कूल में पढ़ते थे। अमित 10वीं में था और अदिति 9वीं में थी। वो दोनो एक दुसरे को पसंद करते थे लेकिन कभी किसी की हिम्मत नहीं हुई एक दूसरे को ये बोलने की, उन दोनों की आंखों में एक दूसरे के लिए प्यार साफ दिखता था। दोनों रोज़ स्कूल की असेम्बली के समय एक दूसरे को देखते थे और दोनों के चेहरे पर एक अलग ही स्माइल आ जाती थे
हेलो दोस्तों मैं हूं आपका दोस्त देवप्रकाश , मैं एक राइटर हूं और सच्ची घटना पे आधरित कहानियां लिखता हूँ , मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है और आज मैं सुनाने जा रहा हूँ , एक ऐसी लव स्टोरी जो आपको प्यार का हक्कीकत से रूबरू कराएगी, प्यार किसी चेहरे या वेश भूषा का मुताज़ नहीं होता , वो तो बस दिल से होता हैं।चाहें इंसान कैसा व हो , उसके अन्दर कि सुंदत्रा को देख कर प्यार करना वो प्यार हैं।
अग़र मैं आपसे पूछू कि प्यार क्या हैं तो आप क्या कहोगे......
प्यार या प्रेम एक एहसास है, जो दिमाग से नहीं दिल से होता है, प्रेम जुड़ाव की भावना है जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करता है।
अग़र सच्च कहु प्यार तो दो आत्माओं का मिलन है। कोई किसी को कब अच्छा लग जाए, कब किसे दिल दे बैठे यह कहा नहीं जा सकता।
प्यार किसी सूरत या लेन-देन से मतलब नहीं रखता। प्यार में बस सच्चाई होनी चाहिए।
ये ज़रूरी नहीं कि जिसे हम चाहें या पसन्द करें वह भी हमें उतना ही चाहे। प्यार तो किसी से भी हो सकता है, चाहे वह कोई भी हो।
ऐसी ही एक स्टोरी आप सभी साथ शेयर करने जा रहा हूँ , इस कहानी को आप अंत तक जरूर पढ़ना आपको अपने पार्टनर के लिए प्रेम को बढ़ा देगी।
अदिति और अमित कि लव स्टोरी बताने जा रहा हूं.!!
अदिति और अमित कि लव स्टोरी True love story hindi me
अदिति और अमित एक ही स्कूल में पढ़ते थे। अमित 10वीं में था और अदिति 9वीं में थी। वो दोनो एक दुसरे को पसंद करते थे लेकिन कभी किसी की हिम्मत नहीं हुई एक दूसरे को ये बोलने की, उन दोनों की आंखों में एक दूसरे के लिए प्यार साफ दिखता था। दोनों रोज़ स्कूल की असेम्बली के समय एक दूसरे को देखते थे और दोनों के चेहरे पर एक अलग ही स्माइल आ जाती थे
फिर सभी क्लास में चले जाते हैं..!!
पहले तो इन दोनों में कोई बात नहीं होती थी। लेकिन वह कहते है न कि नियति जो चाहे वह कर सकती है। कुछ समय बाद ही पढ़ाई से जुडी काम के लिए बातें शुरू होने लगी।
पहले तो काफी कम बातें होती थी लेकिन उन दोनों को एक दूसरे से बात करने में काफी मजा आता था। वह अब बहुत सी बाते करने लगे। उन्हें अब धीरे-धीरे प्रेम भी होने लगा लेकिन उन्हें इसका पता नहीं चला। लड़की तो बहुत जल्द समझ गई कि उसे प्रेम हो गया है। वह लड़के के साथ रहने के लिए तैयार हो गई।
लेकिन लडके को कुछ भी नहीं पता था। वह बस इसको दोस्ती ही समझता था। समय निकलता गया। अब पढ़ाई ख़त्म होने को थी। लड़की सोचती थी की लड़का अपने तरफ से बोले। लेकिन लड़का अभी तक कुछ नहीं समझ सका था। आखिर लड़की ने ही यह बात उसके दोस्तों से कही। बस दोस्त तो अच्छे और बुरे दोनों होते है।
लेकिन इस लडके के काफी दोस्त इसके कामिया बी से जलते थे। इसके साथ ही अब परीक्षा का समय भी आ रहा था। तो उस लड़के के दोस्तों ने उसकी परीक्षा को ख़राब करना चाहा। उन्होंने यह बात पूरे स्कूल में फैला दिया। जब यह बात टीचर तक पहुंची तो वह इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। इसके बाद यह बात लड़के के पास भी पहुंचा।
अब जब भी वह स्कूल आता था तो उसको काफी बेजती का सामना करना पड़ता था। इसके कारण उस लड़की से बात करना भी छोड़ दिया और परेशान भी होने लगा। अमित को बहुत बुरा लगा अदिति और अमित कि प्यार करते हैं वे बात पुरे स्कूल को पता चला गया तो
अदिति स्कूल नहीं आए तो और अमित परेशान हो गया दुसरे दिन अदिति स्कूल आती है तो अमित अदिति से पुछाता है ।
कल तुम स्कूल क्यों नहीं आई।
अदिति बोलीं कुछ नहीं लेट हो गया था।
अमित ने बोला तो क्या हुअा लेट ही आ जाती जैसे पहले आई थी देर से ।
अदिति बोलीं नहीं ज्यदा लेट हो गया था क्युकी मै लेट सो कर उठी थी।
अमित मुस्कुराने लगा और फिर पूछा की "क्या सोचा, मैंने तुमसे कुछ कहा था कल" अदिति चुप ही थी फिर बोली "क्या बोलू मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा है", अमित बोला "उसमे इतना क्या सोचना मुझे पता है तुम भी मुझसे प्यार करती हो, मैंने देखा है तुम्हारी आंखों में" अदिति मुस्कुराने लगी फिर अमित अदिति का जवाब समझ गया और बोला "मै समझ गया तुम्हारा जवाब लेकिन सुनो मुझे तुमसे बात करता हूं , कैस करू? तुम्हारे पास तो फोन भी नहीं है "अदिति बोलीं तुम मुझे अपना नंबर देदो मै तुम्हे फोन कर दूंगी जब पापा का फोन मेरे पास होगा तो, लेकिन तुम दोबारा उस नंबर पर फोन नहीं करना" अमित बोला ठीक है और उसे अपना नंबर दे दीया। और दोनों अपने घर चले गए।
शाम को अमित इंतजार कर रहा था की शायद अदिति फोन करे वो अपने फोन के तरफ ही बार बार देखे जा रहा था, शाम से रात हो गईं अदिति का फोन नहीं आया, अगले दिन स्कूल के बाद अमित ने अदिति से पूछा "तुमने फोन क्यों नहीं किया" वो बोली "पापा का फोन नहीं था मेरे पास और मुझे समझ भी नहीं आ रहा था की फोन पर मै क्या बात करूंगी" अमित बोला "इसमें क्या फोन करती तो बात अपने आप हो जती कुछ ।"
ऐसे ही वो दोनो रोज़ स्कूल के बाद मिलते थे और अदिति कभी कभी अमित को फोन करतीं थी उनकी बाते होती थी। एक दिन न ऐसा आया कि अमित का स्कूल में अखरी दिन था क्युकी वो 10वी क्लास के बोर्ड की परीक्षा शुरू होन वाली थी और 10वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा की पढ़ाई के लिये चुट्टी होने वली थी, दोनो आज बस स्टॉप पर मिले अदिति बहुत उदास थी कि कल से अमित स्कूल नहीं आयेगा और अमित भी बहुत उदास था ।
अदिति ने अमित से कहा की "अच्छे से पढ़ाई करना बोर्ड पेपर के लिये" अमित बोला "हा" अमित की आंखो में असू थे और उसने कहा "कल से मै तुमसे नहीं मिल पाऊंगा, अदिति शांत थी और बोली ऐसे उदास मत हो मै तुम्हे फोन करूंगी रोज़" अमित अदिति को गले लगाना चाहता था लेकिन दोनो बस स्टॉप पर थे ।
इस लिए अमित ने कुछ नहीं किया बस अदिति का हाथ पकड़ कर खड़ा था, वो सोच रहा था की काश समय इधर ही रुक जाता और दोनों हमेशा के लिये एक साथ ही रहते, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था, अदिति की बस आगई अमित उसका हाथ छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं था । पर अदिति ने बोली अमित में तुम्हें फोन करुंगा बोल कर अदिति चली गई और अमित अदिति को देखते हुए बोले हूं मैं तुम्हारे फोन का इन्तजार करुंगा काहा फिर अमित अपने घर आ गया और अदिति अपनी घर चली गई अब अमित अदिति का फोन का इन्तजार कर रहा था पर अदिति की फोन नहीं आईं तो अमित उदास हो गया था पर कुछ ताईम में अदिति का फोन आया तो अमित बहुत खुश हो गया और अदिति से बात करते हुए बोले अदिति मैं तुम्हारे फोन नहीं आया था तो बहुत उदास हो गया था पर फोन आते ही चहरे पर मुस्कान आ गई मैंने तो तुम्हें फोन नहीं कर सकता था पर तुमने फोन कर कर अच्छा किया फिर बहुत सारा बातें करने लगे !
अगले दिन अमित अदिति को याद कर रहा था पर अमित के घर में कुछ दोस्त आए और मिल कर पेपर की तयारी करने लगे।
अदिति भी अमित को याद कर रही थी फिर अदिति सोचती है अभी अमित अपनी पेपर की तयारी कर रहा होगा तो ऐसे में मैं अमित को फोन नहीं करुंगा क्यों कि अमित का बोर्ड पेपर है तो अमित को पढ़ने देती हूं कर के अपनी अदिति अपनी स्कूल चली गई पर अदिति को स्कूल में अच्छा नहीं लग रही थी पर क्या करें फिर स्कूल कि छुट्टी हो गई तो अदिति घर चली गई।।
अदिति घर जाकर अमित को फोन किया और बहुत सारा बातें करने लगे अदिति बोली अमित आज स्कूल में अच्छा नहीं लगा अमित तुम्हें में बहुत ज्यादा मिस किया यार अमित भी बोलता है मुझे भी अदिति तुम्हारा याद आ रहा था !
अमित का बोर्ड पेपर सुरु हो गया है और अदिति का भी कुछ दिन में 9वी का पेपर सुरु हुआ दोनों अपने अपने पेपर में लग गयो कुछ दिन में दोनों का पेपर खत्म हो गया।।
अदिति ने अमित को फोन किया और पूछा अमित तुम्हारा पेपर कैसे गया तो अमित बोलाता है बहुत अच्छा गया और अदिति तेरा पेपर कैसा गया तो मेरा भी अच्छा गया है ।।
अब स्कूल में गर्मी कि छुट्टी हो गई तो अब अमित ने अदिति को बोलता है तुम गर्मी कि छुट्टी में कहा जाओगी तो अदिति बोलती है मैं मामा गांव जाउंगी बोली अब अदिति अमित को बोलता है तुम काहा जाऐग अमित बोलाता है मैं अपनी चाचा चाची के घर जाऊंगा बोलता है अदिति बोली अमित तुम्हें में बहुत ज्यादा मिस करुंगी तो अमित बोलाता है मैं भी तुम्हें बहुत ज्यादा मिस करुंगा बोलता है गांव जाने के बाद दोनों फोन पर बहुत सारा बातें करते थे।
दोनों का प्यार बहुत ज्यादा हो गया अब दोनों एक दूसरे के बगैर नहीं रह पा रहे थे तो दोनों ने अपन अपन पढ़ाई पूरी कि और बाद में दोनों ने एक दूसरे से मैरिज कर ली.....!!!
स्कूल कि लव स्टोरी अंकिता और राहुल कि इसे पढ़िए
https://devstorycollection07.blogspot.com/2023/01/school-love-story-rahul-or-ankita-ki.html
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Love You All ❣️😘😘😘
मेरे द्वरा लिखन में अगर कोई मिस्टेक हुआ या फ़िर कोई कमी रह गई हो तो उसके लिए छमा चाहता हूँ , आप हमें कमेंट करके अपना रिएक्शन दे सकते हैँ ..✍️✍️ plzz write ur comment .......
Thanku ❤️❤️🙏🙏😍😍
Written By –✍ @Devprakash💯❤️
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