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Mera college ka pahla brackup Story in Hindi

 Mera college ka pahla brackup Story in hindi


यह कहानी उस समय कि है जब मैंने कॉलेज जाना शुरू किया था। आज मेरे कॉलेज का पहला दिन था! मेरे साथ एक मेरा दोस्त भी कॉलेज जा रहा था। हम दोनों एक साथ कॉलेज के लिए निकल दिए। हम रास्ते में अपने स्कूल की बातें 

कर रहे थे। स्कूल के दिन भी क्या होता है।

इस breakup love story की कहानी हर किसी के साथ एक बार जरूर होता है ।


हेलो दोस्तों मैं हूं आपका दोस्त देवप्रकाश , मैं एक राइटर हूं और सच्ची घटना पे आधरित कहानियां लिखता हूँ , मेरे ब्लॉग में आपका स्वागत है और आज मैं सुनाने जा रहा हूँ , एक ऐसी लव स्टोरी जो आपको प्यार का हक्कीकत से रूबरू कराएगी, प्यार किसी चेहरे या वेश भूषा का मुताज़ नहीं होता , वो तो बस दिल से होता हैं।चाहें इंसान कैसा व हो , उसके अन्दर कि सुंदत्रा को देख कर प्यार करना वो प्यार हैं।


अग़र मैं आपसे पूछू कि प्यार क्या हैं तो आप क्या कहोगे......

प्यार या प्रेम एक एहसास है, जो दिमाग से नहीं दिल से होता है, प्रेम जुड़ाव की भावना है जो सब भूलकर उसके साथ जाने को प्रेरित करता है।

अग़र सच्च कहु प्यार तो दो आत्माओं का मिलन है। कोई किसी को कब अच्छा लग जाए, कब किसे दिल दे बैठे यह कहा नहीं जा सकता। 


प्यार किसी सूरत या लेन-देन से मतलब नहीं रखता। प्यार में बस सच्चाई होनी चाहिए। 


ये ज़रूरी नहीं कि जिसे हम चाहें या पसन्द करें वह भी हमें उतना ही चाहे। प्यार तो किसी से भी हो सकता है, चाहे वह कोई भी हो। 


ऐसी ही एक स्टोरी आप सभी साथ शेयर करने जा रहा हूँ , इस कहानी को आप अंत तक जरूर पढ़ना आपको अपने पार्टनर के लिए प्रेम को बढ़ा देगी। 


यह कहानी इस लिए अधूरी रह जाती है क्योंकि दो प्यार करने वाले कभी मिल ही नहीं पाते है। किसी कारण से वह एक दूसरे से बहुत ही दूर हो जाते है।


सच्चे प्यार के कारण वह दूर होने के बाद भी एक दूसरे से प्यार करते रहते है। यह कहानी इंसान को अंदर से हिला देती है।


इस breakup love story की कहानी हर किसी के साथ एक बार जरूर होता है!

यह कहानी उस समय कि है जब मैंने कॉलेज जाना शुरू किया था। आज मेरे कॉलेज का पहला दिन था! मेरे साथ एक मेरा दोस्त भी कॉलेज जा रहा था। हम दोनों एक साथ कॉलेज के लिए निकल दिए। हम रास्ते में अपने स्कूल की बातें कर रहे थे। स्कूल के दिन भी क्या होता है।

Mera college ka pahla brackup Story
dev story collection07 


मेरी नजर आशा के चेहरे से हट ही नहीं रही थी। मानों मैंने कोई परी देख ली हो। मेरे दोस्त  आकाश ने मुझे कब सीट पर लेकर बैठा दिया मुझे पता ही नहीं चला।


मेरा क्लास शुरू हो गया। पर मेरी नजर बार-बार आशा की ओर जा रही थी। मैं चाहकर भी पढ़ाई नहीं कर पा रही थी।


Mera college ka pahla brackup Story in Hindi
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घर आने के बाद मेरे दोस्त आकाश ने मुझे काफी कुछ कहा, वह मुझसे कह रहा था कि तुम पढ़ाई पर ध्यान रखो।


पढ़ाई ही सब कुछ है। मेरा दोस्त आकाश पढ़ाई को बहुत ही पसंद किया करता था। वह किसी भी प्रेम में नहीं पड़ना चाहता था।


तो इस तरह से मेरा कॉलेज का पहला दिन था। अब मुझे कॉलेज जाते हुए करीब 1 महीना हो गया था।


आज मेरी बात आशा से हो ही गई। आज हम एक टीचर के बारे में बातें कर रहे थे। हमारे कॉलेज में एक ऐसे टीचर थे जो कि क्लास को कम पढ़ाते और ज्यादा खुद के बारे में बताते थे।

Mera college ka pahla brackup Story in Hindi
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हम अपने टीचर के बारे में बातें करते ही जा रहे थे। करीब हम 10-15 मिनट तक अपने टीचर की बातें करके हॅसते रहे।


फिर हमारे क्लास में एक दूसरे टीचर आ गए। तो हम बिलकुल ही शांत हो गए। हमारे यह टीचर हमें पढ़ा रहे थे, पर मैं बस आशा के बारे में ही सोचता जा रहा था।


क्योंकि आज उसने मुझसे बात किया। मुझे आशा का नशा हो गया था।


मेरे दोस्त आकाश ने मुझे इस दिन भी काफी कुछ बोला। वह मुझे बार-बार कह रहा था कि पढ़ाई कर ले। पढ़ाई ही सब कुछ है। बाद में रोएगा।


पर मुझे तो बस आशा ही नजर आ रही थी। अब मैं आशा से किसी न किसी बहाने बातें कर लिए करता था।



Mera college ka pahla brackup Story in Hindi
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अब करीब 2 हप्ते मुझे आशा से बातें करते हुए गुजर गए थे। मैं आशा को कोई उपहार देना चाहता था।


पर मैं कैसे और कौन सा उपहार दू मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहता है। एक दिन मैंने अपने साथ दो चॉकेलट लेकर कॉलेज गया।



एक मैं खुद ही निकाल कर खा रहा था। फिर मुझे आशा दिखी। मैंने उससे पूछ क्या तुम्हे चॉकेलट चाहिए?


उसने कुछ भी नहीं कहा। फिर भी मैंने दूसरा चॉक्लेट उसकी ओर बढ़ा दिया। उसने भी ले लिए।


अब मुझे उस दिन जीतनी ख़ुशी हो रही थी, उतनी खुशी मुझे कभी नहीं हुई थी। ऐसा लग रहता है कि मैंने कोई जंग जीत लिया हूँ।


अब रोज आशा के लिए मैं कुछ न कुछ उपहार ले जाया करता था। मैंने अपने लिए पैसा खर्च करना बंद कर दिया था। साथ ही कभी-कभी मैं उसके लिए कर्ज भी लेकर उपहार ले जाया करता था।


हम एक दूसरे के बहुत ही करीब आ गए थे। मैंने अब सोच लिया था कि मुझे इस लड़की को बता देना चाहिए कि मैं इससे कितना प्रेम करता हूँ। पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।


देखते ही देखते। पहले साल का अंतिम परीक्षा भी सामने आकर खड़ा हो गया। अब भी वह मेरे साथ ही थी। हम दोनों साथ ही पढ़ाई किया करते थे।


मुझे लग रहा था कि आशा शायद मुझसे भी प्रेम करती है। तो मुझे किसी तरह की कोई जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।



मैं इस परीक्षा के खत्म होने के बाद सब कुछ बता दुगा। मैंने ऐसा ही किया। हमारी परीक्षा खत्म हो गई। फिर से हमारा कॉलेज शुरू हुआ। हम सब कॉलेज गए।


पर मेरी नजारे जिसे ढूढ रही थी वह वहाँ नहीं थी। हाँ, वही लड़की आशा जिससे मैं प्यार करता था। मुझे लगा कि शायद आशा आज न आ आई हो। कल आए, पर कल भी न आई। फिर मुझे लगा शायद कल आए।


इस तरह से करीब 2 हफ्ते ऐसे ही बीत गया। मैंने उसके बारे जब अपने कुछ दोस्तों से पूछा तो मुझे पता चला कि उसने यह कॉलेज छोड़ दिया है। मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा था।


मुझे लगा कि मेरे दोस्त मेरे साथ कोई मजाक कर रहे है। पर यह बिल्कुल ही सत्य था। मुझे यह सत्य 1 महीने के बाद मेरे टीचर से पता चला।


अब मैं आप लोगो से क्या कहु। मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करू?


मेरा स्कूल का दोस्त आकाश मुझे फिर से कहा रहा था कि दोस्त मैंने तुम्हे पहले ही प्रेम करने से मना किया था।


पर तुमने नहीं माना। जो भी प्यार करता है उसके साथ ऐसा ही कुछ होता है। अब तुम सभाल जाव और अपने पढ़ाई पर ध्यान दो। उस दिन से मैंने भी किसी दूसरी लड़की से प्यार नहीं किया

एक बार की बात है। मैं नौकरी की तलाश में एक शहर से दूसरे शहर घूम रहा था। पर मुझे नौकरी नहीं मिल रही थी।


एक दिन मैं एक कंपनी में इंटरव्यू देने के लिए गया। वह पर मुझसे पहले ही एक लड़की पहुंच गई थी।


Mera college ka pahla brackup Story in Hindi
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मैं उस लड़की के पास जाकर बैठ गया। वह लड़की मुझे इस तरह से देख रही थी कि मानों मैं उसका कोई दुश्मन हूँ। पर मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था।


हम दोनों का इंटरव्यू हुआ। और हम दोनों ही उस कंपनी के द्वारा चुन लिए गए। मुझे भी ख़ुशी ही रही थी और उस लड़की को भी।


बाहर आने के बाद मैंने उस लड़की से पूछ ही दिया कि तुम मुझे ऐसे क्यों देख रही थी। उसने कहा, मुझे ऐसा लग रहा था कि तुम्हारे कारण मुझे नौकरी नहीं मिल पाएगी।


मैंने हस दिया, वह भी हस पड़ी। अब हम एक दोस्त के जैसे ही हो गए। वह उस शहर में नई थी। मैं भी उस शहर में नया ही था। हमें रहने के लिए कोई किराये पर मकान की जरूरत थी।




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अब हम दोनों मकान खोजने निकल पड़े। हमें शाम तक एक मकान मिल ही गया। वह मकान काफी अच्छा था। पर उसका किराया थोड़ा सा ज्यादा था।

मैं उस मकान के मालिक को किराया कम करने कहता ही रह गया। पर उसने एक भी पैसा कम नहीं किया।

उस लड़की ने कहा, क्यों न हम एक ही मकान में रहे। जिस कारण हमें आधा-आधा किराया देना होगा। मुझे यह विचार अच्छा लगा। हमने वह मकान ले लिया।

हम दोनों ने मकान की सफाई की। कुछ जरूर सामान को खरीदा। अब हम दोनों सोचने लगे कि खाना कौन बनाएगा? चुकी मुझे खाना बनाने नहीं आता था। तो उस लड़की ने कहा, मैं खाना बना दूगी पर तुम्हे कपडे और बर्तन को धुलना होगा।

मैं तैयार हो गया। अब हम दोनों एक दूसरे को काफी मदद किया करते थे। आधा काम वह करती और आधा काम मैं। हम दोनों बड़े अच्छे से कंपनी का भी काम किया करते थे।

अब हमें करीब 2 साल साथ रहते हुए हो गया था। मुझे वह कोई पराया नहीं लगती थी। हम दोनों अपने बारे में एक दूसरे को बताया करते थे। हमारी जिंदगी काफी मजेदार थी।

एक दिन मुझे फ़ोन आया कि मेरे पिता जी का दुर्घटना हो गया है। मैंने यह खबर उस लड़की को बताई।

उस समय मेरे पास कुछ पैसे कम पड़ रहे थे। उस लड़की ने मुझे पैसे दिए और घर जाने को कहा। मैं अगले दिन ही अपने गाँव के लिए निकल पड़ा।


मैं रास्ते भर उस लड़की के बारे में सोचता रह गया। मैंने घर आकर अपने पिता को देखा। उन्हें कुछ भी नहीं हुआ था। मेरे घर वाले ने मुझे शादी करने के लिए बुलाया था।


मेरे घर वाले ने मेरे लिए एक लड़की देख रखा था। मुझे बस शादी करना था। अब मेरे दिल और दिमाग में बस वही लड़की थी।


मैंने उसे फ़ोन किया। फ़ोन उठाते ही वह मेरे पिता जी के बारे में पूछ रही थी।


Mera college ka pahla brackup Story in Hindi
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मुझे वह कह रही थी कि तुम कोई चिंता न लेना मैं तुम्हारे साथ हूँ। तुम्हे पैसो की जरूरत होगी तो तुम मुझे जरूर बता देना।


मैं एक शब्द भी नहीं बोल पा रहा था। मैंने अंत में बस इतना कहा, ठीक है, मैं तुम्हे कुछ देर बाद फ़ोन करता हुए।


इसके बाद मैंने अपने फ़ोन को बंद कर दिया। उसके बाद आज तक मैंने उस फ़ोन को खोला ही नहीं।



मुझे आज तक इस फोन में से उस लड़की की आवाज आती है। उस लड़की के साथ किया हुआ, अब वह कहा है, क्या कर रही है, मुझे कुछ भी पता नहीं।


मैंने उस लड़की से शादी भी कर लिया जिस लड़की को मेरे घर वालो ने पसंद किया हुआ था। यह कहानी मुझे बताते हुए मेरे आँखो से आँसू निकल रहा है।


बस मेरी यही कहानी है। इस कहानी में प्रेम को तोड़ने वाला सिर्फ मैं हूँ।


यह कहानी भी पढ़े:

 https://devstorycollection07.blogspot.com/2023/01/hamari-adhuri-love-story-in-hindi.html


यहाँ दुख भरी प्रेम कहानी दूसरे शब्दों में प्रेम की अधूरी कहानी आपको कैसी लगी। आप को यह Brackup story आपको कैसे लगी आप हमें बता सकते है।


इस तरह की कहानी सभी की होती है। कुछ लोग इसको भूल जाते है तो कुछ अपने साथ रख कर जीवन जीते है।



अगर आपको प्यार का सही मतलब लिखी गई पोस्ट पसंद आई हो तो अपने दोस्तों को जरूर शेयर करना...



Love You All ❣️😘😘😘



मेरे द्वरा लिखन में अगर कोई मिस्टेक हुआ या फ़िर कोई कमी रह गई हो तो उसके लिए छमा चाहता हूँ , आप हमें कमेंट करके अपना रिएक्शन दे सकते हैँ ..✍️✍️ plzz write ur comment .......



Thanku ❤️❤️🙏🙏😍😍



Written By –✍ @Devprakash💯❤️



Dear Reader, My name is Devprakash . I have been blogging for Just  month and I have been giving Heart touching love story content as far as possible to the reader. Hope you like everyone, please share your classmate and with friends too.....❤️🙏🙏


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Bilaspur, Chhattisgarh, India

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